Balkrishna Doshi Biography in Hindi : आज हम भारत के एक ऐसे महान वास्तुकार के बारे में बात करने जिन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म विभूषण से सम्मानित किया गया है। जी हाँ, हम बात कर रहे हैं भारत के पहले वास्तुकार जिनका पूरा नाम बी. वी. दोशी (बालकृष्ण विट्ठलदास दोशी) है। यहाँ पर आपको बालकृष्ण दोशी का जीवन परिचय और उनसे जुड़ी सभी महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलने वाली है।
Balkrishna Doshi Biography in Hindi
बालकृष्ण दोशी का जीवन परिचय | |
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नाम | बालकृष्ण दोशी |
पूरा नाम | बालकृष्ण विट्ठलदास दोशी |
माता का नाम | राधा दोशी |
पिता का नाम | विट्ठलदास दोशी |
पत्नी | कमला पारिख |
जन्म तिथि | 26 अगस्त 1927 |
मृत्यु | 24 जनवरी 2023 |
धर्म | हिंदू |
बालकृष्ण दोशी कौन थे?
बालकृष्ण दोशी का पूरा नाम बालकृष्ण विट्ठलदास दोशी था। इनका जन्म 26 अगस्त 1927 को विट्ठलदास दोशी के घर हुआ था। इन्हें भारत के पहले वास्तुकार के रुप में जाना जाता है। बालकृष्ण दोशी भारत सरकार की महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट सेंट्रल विस्टा के प्रमुख वास्तुकार थे। जिनका 24 जनवरी 2023 को निधन हो गया।
भारतीय वास्तुकला में इनके महत्त्वपूर्ण योगदान को देखते हुए भारत सरकार ने तुरंत इस महान वास्तुकार को पद्म विभूषण से सम्मानित करने का निर्णय लिया है।
Balkrishna Doshi Biography in Hindi : बालकृष्ण दोशी ने अहमदाबाद में सीईपीटी यूनिवर्सिटी, कनोरिया सेंटर फॉर आर्ट्स और इंस्टीट्यूट ऑफ इंडोलॉजी, बैंग्लूरु में आईआईएम और इंदौर में निम्न से मध्यम आय वाले परिवारों के लिए एक टाउनशिप Aranya Low-cost Housing जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर भी काम कर चुके हैं।
Early Life of Balkrishna Doshi Biography in Hindi : महान वास्तुकार ले कार्बूजियर के साथ भी कर चुके हैं काम
आपको जानकर हैरानी होगी जिस चंडीगढ़ के वास्तुकार के रुप सिर्फ ले कार्बूजियर को ही याद किया जाता है, उसमें बालकृष्ण दोशी का भी बड़ा योगदान था। ले कार्बूजियर के साथ काम करते हुए उन्होंने चण्डीगढ़ की हाईकोर्ट और गवर्नर पैलेस को डिजाइन करने में अपनी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
1956 में इन्होंने वास्तुशिल्प के नाम से अपने फर्म की स्थापना की, जिसे बाद में वास्तुशिल्प कंसल्टेंट्स के नाम जाना गया।
- आईआईएम अहमदाबाद का डिजाइन भी बालकृष्ण दोशी ने ही तैयार किया था।
Award Lists of Balkrishna Doshi : वास्तुकला के नोबल (प्रित्जकर पुरस्कार) से हो चुके हैं सम्मानित
प्रित्जकर पुरस्कार को आर्किटेक्ट (वास्तुकला) के नोबल पुरस्कार के रुप में जाना जाता है। साल 2018 में इस पुरस्कार से सम्मानित होकर बालकृष्ण दोशी भारत को इस क्षेत्र में गौरवान्वित करने का भी काम किया है।
इसके अलावा भी बालकृष्ण दोशी अन्य कई पुरस्कारों से सम्मानित हो चुके हैं-
बालकृष्ण दोशी को मिले पुरस्कारों की सूची | |
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पद्म श्री | 1976 |
ग्लोबल अवार्ड फाॅर सस्टेनेबल आर्किटेक्चर | 2007 |
दि ऑफिसर ऑफ द ऑर्डर ऑफ आर्ट्स एंड लेटर्स (कला के क्षेत्र में फ्रांस का उच्चतम पुरस्कार) | 2011 |
धीरुभाई ठक्कर सव्यसाची सारस्वत अवार्ड | 2017 |
प्रित्जकर आर्किटेक्चर अवार्ड | 2018 |
पद्म भूषण | 2020 |
डाक्ट्रेट की मादन उपाधि (पेंसिलवेनिया यूनिवर्सिटी) | – |
रॉयल गोल्ड मेडल | 2022 |
पद्म विभूषण | 2023 |
बाॅलीवुड में भी कर चुके हैं डेब्यू
आपको जानकर शायद हैरानी होगी लेकिन बालकृष्ण दोशी बाॅलीवु़ड की फिल्म ओके जानू में भी काम कर चुके हैं। जिसके साथ ही सबसे ज्यादा उम्र में फिल्म डेब्यू का रिकाॅर्ड भी उनके नाम भी दर्ज हो गया है।
ओके जानू फिल्म में बालकृष्ण दोशी ने एक वास्तुकार की ही भूमिका निभाई है। इस फिल्म के डायरेक्टर के कहने पर इन्होंने इस अनुरोध स्वीकार कर लिया था।