जानिये क्यों चर्चा में है अमृत उद्यान, पढ़ें मुग़ल गार्डन का पूरा इतिहास | History of Mughal Garden in Hindi

हाल ही में केंद्र सरकार ने अमृत महोत्सव के मद्देनजर रखते हुए मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान करने की घोषणा की है। आज कल यह काफी चर्चा का विशव बना हुआ है। आज हम आपको इस आर्टिकल में मुग़ल गार्डन का पूरा इतिहास और अमृत उद्यान उद्यान क्यों चर्चा में है विस्तार से बताने वाले है।

जानिये क्यों चर्चा में है अमृत उद्यान

हाल ही में केंद्र सरकार ने अमृत महोत्सव के मद्देनजर रखते हुए मुगल गार्डन का नाम बदलकर अमृत उद्यान करने की घोषणा की है। जिसकी वजह से यह काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। वैसे नाम बदलने की परम्परा वर्षो से चली आ रही है। गौरतलब है कि सितंबर 2022 में केंद्र सरकार ने राजपथ का नाम बदलकर ‘कर्तव्य पथ’ कर दिया था।

देश में आजादी के 75 साल पूरे होने के मौके पर ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ मनाया जा रहा है। आजादी के अमृत महोत्सव को मद्देनजर रखते  हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने गार्डन को एक सामान्य नाम ‘अमृत उद्यान’ दे दिया है।राष्ट्रपति भवन, वायसराय लॉर्ड इरविन और बाद में लॉर्ड माउंटबेटन (अंतिम ब्रिटिश वायसराय) और 1947 में स्वतंत्र भारत के पहले गवर्नर-जनरल का निवास स्थान था।

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मुग़ल गार्डन का इतिहास (History of Mughal Garden in Hindi)

1947 में भारत आजाद तो हो गया लेकिन अंग्रेजो की बनाई कई बेहतरीन इमारते रह गई। आजादी के पहले भारत का राष्ट्रपति भवन वायसराय हाउस के नाम से जाना जाता था। जिसका निर्माण अंग्रेजों ने की राजधानी कोलकाता से बदलकर दिल्ली होने के बाद रायसीना की पहाड़ी को काटकर कराया गया था।

15 एकड़ के विशाल क्षेत्र में फैले ‘मुगल गार्डन’ को प्रायः राष्ट्रपति भवन की सबसे नायाब चीज़ों में से एक माना जाता है। सर एडविन लुटियन ने वर्ष 1917 की शुरुआत में मुगल गार्डन के डिज़ाइन को अंतिम रूप दिया था, हालाँकि इस गार्डन में रोपण का कार्य वर्ष 1928-1929 में समाप्त हुआ था। ‘मुगल गार्डन’ के निर्माण के लिये सर लुटियन ने बागवानी की दो विशिष्ट शैलियों- मुगल शैली और अंग्रेज़ी फूल गार्डन शैली का मिश्रित प्रयोग किया।

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गुलाब, ट्यूलिप, एशियाई लिली, डैफोडिल्स, जलकुंभी और अन्य मौसमी फूल राष्ट्रपति भवन के उद्यानों को सुशोभित करते हैं। राष्ट्रपति भवन के इस उद्यान में फूलों की तकरीबन 70 किस्में मौजूद हैं। इस उद्यान की विशालता को इस बात से समझा जा सकता है कि वर्तमान में राष्ट्रपति भवन के उद्यानों के विकास और रखरखाव के लिये 300 से अधिक स्थायी और आकस्मिक कर्मचारी तैनात हैं।

मुगलों ने नहीं बनवाया था मुग़ल गार्डन (मुग़ल गार्डन किसने बनवाया था?)

एडिवन लूटियंस ने साल 1917 की शुरुआत में मुगल गार्डन के डिजाइन को अंतिम रूप दिया और साल 1928 में मुगल गार्डन बनकर तैयार हुआ। इस गार्डन में भारतीय संस्कृति और मुगलशैली की झलक देखने को मिलती है, जिसे सर एडिवन लूटियंस ने पेश किया था। मुगल गार्डन के डिजाइन को ताजमहल के बगीचों, जम्मू और कश्मीर के बगीचों से प्रेरित माना जाता है।

‘अमृत उद्यान’ का मुख्य आकर्षण (Main attraction of Amrit Udyan)

  • यह लगभग 15 एकड़ में फैला हुआ है।
  • यहाँ गुलाब की 159 वेरायटी मौजूद है।
  • मुगल गार्डन में खूबसूरत छतों, लॉन और फूलों की क्यारियों के साथ मुगल और अंग्रेजी दोनों शैली हैं।
  • अमृत उद्यान में 138 प्रकार के गुलाब, 10,000 से अधिक ट्यूलिप बल्ब और 70 विभिन्न प्रकार के लगभग। 5,000 मौसमी फूलों के साथ, उद्यान राष्ट्रपति भवन की शोभा बढ़ाता है।
  • हर साल बसंत ऋतु में इस गार्डन को आम लोगों के दीदार करने के लिए खोला जाता है।
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