साल 2023 में भी सभी भारतीय 26 जनवरी के लिए तैयार हैं। देश में लगभग सभी लोग गणतंत्र दिवस बहुत ही जोश और उल्लास के साथ मनाते हैं। हर साल इस दिन स्कूलों द्वारा परेड भी निकाली जाती है और इसी दिन इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक भी एक परेड होती है। हम हर साल गणतंत्र दिवस तो मनाते हैं लेकिन कई बार हमारे मन में इस को लेकर कई तरह के प्रश्न भी उठते हैं जैसे कि गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? पहली बार गणतंत्र दिवस कब मनाया गया था? इत्यादि।
तो आइए आज हम इस लेख के माध्यम से इन्हीं सवालों का जवाब जानने का प्रयास करते हैं और जानते है कि गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? 2023 में कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा? आज के इस लेख में हम 2023 को आने वाले गणतंत्र दिवस के बारे में भी कुछ जानकारी प्राप्त करेंगे?
गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है?
आज भी भारत में कई ऐसे लोग हैं जो यह नहीं जानते कि गणतंत्र दिवस क्यों मनाते हैं? ऐसे लोग केवल गणतंत्र दिवस को छुट्टी का दिन मानते हैं और घर में आराम करते हैं। जबकि गणतंत्र दिवस केवल छुट्टी का ही दिन नहीं बल्कि यह हमारे देश के लिए एक महत्वपूर्ण दिन है।
दरअसल भारत की आजादी से पहले भारत सरकार अधिनियम चलता था, जिसे ब्रिटिश द्वारा लागू किया गया था। लेकिन गणतंत्र दिवस के दिन 1935 को बनाए गए भारत सरकार अधिनियम को हटाया गया और 1950 में एक नया भारत का संविधान लागू किया गया।
यह जो संविधान है, इसे बनाने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे और 26 जनवरी 1950 को यह पूरी तरह से लागू किया गया, जो कि हमारे पूरे संविधान को चलाने के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण था। इसलिए 26 जनवरी का दिन हम एक उत्सव के रूप में मनाते हैं।
गणतंत्र दिवस को इंग्लिश में क्या कहते हैं?
आज भी कई लोग ऐसे हैं जिन्हें या जानकारी नहीं है कि गणतंत्र दिवस की इंग्लिश मीनिंग क्या है? तो चलिए हम आपको बता दें कि गणतंत्र दिवस को इंग्लिश में रिपब्लिक डे (Republic Day) कहते हैं। यहां पर गणतंत्र की इंग्लिश रिपब्लिक और दिवस की इंग्लिश डे है।
गणतंत्र दिवस का इतिहास
गणतंत्र दिवस के बारे में कुछ मूल बातें जान लेने के बाद चलिए गणतंत्र दिवस का इतिहास भी जान लेते हैं।
आपको यह जानकर हैरानी होगी कि जब तक 15 अगस्त 1947 तक हमें स्वतंत्रता प्राप्त नहीं हुई थी तब तक 26 जनवरी 1930 से 26 जनवरी यानी गणतंत्र दिवस को ही स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता था। दरअसल 26 जनवरी 1930 से भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा एक सक्रिय आंदोलन शुरू किया गया और तभी से ही ब्रिटिश का राज धीरे-धीरे भारत पर खत्म होने लगा।
फिर 15 अगस्त 1947 को पूरी तरह से भारत आजाद हो चुका था। आजादी के बाद भारत का संविधान बनाने की घोषणा की गई और इसका कार्य 9 दिसंबर 1947 से प्रारंभ किया गया था। भारत का संविधान बनाने का मुख्य कार्य डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को मिला था।
ईसमें कुछ अन्य सदस्य जैसे- डाक्टर राजेंद्र प्रसाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, जवाहरलाल नेहरू, इत्यादि शामिल थे। भारत का यह संविधान 26 नवंबर 1949 को पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ था। इसीलिए 26 नवंबर 1949 को भारतीय संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता है।
इसके बाद इन संविधान को लेकर के 114 दिन की बैठक हुई जिसमें प्रेस और जनता ने भी भाग लिया था। इस संविधान में कई तरह के सुधार भी किए गए और 24 जनवरी 1950 को कुल 284 सदस्यों ने संविधान की कॉपियों पर हस्ताक्षर किए थे।
हस्ताक्षर करने के 2 दिन बाद ही 26 जनवरी को पूरे भारत देश में यह संविधान लागू हो गया इसीलिए 26 जनवरी को हम गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। सभी भारत वासियों को भारत का संविधान का महत्व बताने के लिए और 26 जनवरी दिन को याद रखने के लिए ही गणतंत्र दिवस की शुरुआत की गई।
कई लोग यह भी जानना चाहते हैं कि सबसे पहली बार गणतंत्र दिवस कब मनाया गया था तो हम आपको बता दें कि 26 जनवरी 1950 को ही सबसे पहला गणतंत्र दिवस दिल्ली में बनाया गया था और इसी दिन सबसे पहला परेड भी निकला था।
26 जनवरी 2023 को अबकी बार कौन सा गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा?
तो चलिए अब हम आने वाले गणतंत्र दिवस के बारे में कुछ जानकारियां प्राप्त कर लेते हैं। हमारे देश के संविधान को बने 73 वर्ष हो चुके हैं इसलिए 2023 को देश का 73 वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।
इसे हम 73rd Republic Day भी कह सकते हैं। इस दिन हम केवल भारत के संविधान को ही नहीं बल्कि उन स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद करते हैं जिन्होंने भारत देश को आजाद करने के लिए अपना त्याग और बलिदान दिया है।
Republic Day speech in Hindi : गणतंत्र दिवस पर भाषण
2023 के गणतंत्र दिवस पर आने वाले अतिथि का नाम
तो अब आप या तो जाने गए होंगे कि 26 जनवरी 2023 को कौन सा गणतंत्र दिवस है तो चलिए हम आपको यह भी बता दें कि इस दिन कौन से मुख्य अतिथि होंगे जो गणतंत्र दिवस पर आएंगे। इस दिन राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी जोकि मिस्र के राष्ट्रपति हैं वह भारत में 26 जनवरी को अतिथि बनकर आएंगे।
26 जनवरी 2023 में पहली बार ऐसा होगा कि भारत में अरब गणराज्य मिस्र के राष्ट्रपति आएंगे। दरअसल भारत और मिस्त्र के काफी अच्छे संबंध है और इसी साल भारत और मिस्त्र के राजनयिक संबंधों की स्थापना भी हुई है। इसीलिए इस बार भारत में गणतंत्रता दिवस पर मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल सिसी को आमंत्रित किया है।
निष्कर्ष
आज के इस लेख में हमने गणतंत्र दिवस के बारे में जानकारी प्राप्त की। साथ ही हमने यह भी जाना कि गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है और यह पहली बार कब मनाया गया था। साथ ही हमने 2023 के गणतंत्र दिवस की भी चर्चा की है। उम्मीद है कि आज का यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपके लिए काफी उपयोगी भी साबित होगा।