कर्मचारी चयन आयोग यानि कि एसएससी पिछले काफी समय से ट्विटर की सुर्खियों से दूर था। ऐसा इसलिए भी क्योंकि पिछले कुछ समय से यह आयोग अपने काम करने के ढंग में सुधार कर चुका है। इस समय प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी करने वाले अभ्यर्थी एसएससी से काफी खुश दिखाई दे रहे हैं लेकिन अभी हाल ही में एसएससी ने सभी अभ्यर्थियों की खुशी पर पानी फेरने का काम किया है।
आपको बता दें कि एसएससी ने 19 सितंबर को संयुक्त स्नातक स्तरीय परिक्षा 2023 का परिणाम जारी किया है। जिसके बाद से सभी अभ्यर्थी इस परिणाम को देखकर काफी निराश हुए।
क्या है पूरा मामला
पूरा मामला ये है एसएससी द्वारा प्रतिवर्ष जिस संयुक्त स्नातक स्तरीय परिक्षा का आयोजन किया जाता है, उसमें दो चरण प्रारंभिक और मुख्य परिक्षा के होते हैं। जिसमें प्रारंभिक परिक्षा क्वालीफाइंग होती है।
प्रारंभिक परिक्षा में अभी तक प्रतिवर्ष पदों की तुलना में कम से 10 गुना अभ्यर्थी पास किये जाते थे। हालांकि ये कोई निश्चित संख्या नहीं है। इससे पहले 2019 में एसएससी ने 13 गुना और 2020 में 16 गुना अभ्यर्थियों को पास किया था।
वर्ष | पदों की संख्या | प्रारंभिक परिक्षा पास अभ्यर्थियों की संख्या | अनुपात |
2019 | 9488 | 125279 | 13.2 |
2020 | 7035 | 114135 | 16.22 |
2021 | 7621 | 113848 | 14.9 |
2022 | 36012 | 360432 | 10.008 |
2023 | 8440 | 71112 | 8.42 |
अब अगर पिछले वर्षों से साल 2023 की तुलना करें तो इस बार महज 8 गुना अभ्यर्थियों को ही प्रारंभिक परिक्षा में पास किया गया है। जिससे प्रारंभिक परिक्षा का कट-ऑफ भी काफी ज्यादा चला गया है। जिसकों लेकर सभी अभ्यर्थियों में काफी रोष दिखाई पड़ रहा है।
क्या चाहते हैं अभ्यर्थी
- एसएससी सीजीएल परिक्षा की तैयारी करने वाले सभी अभ्यर्थियों की मांग यह है कि एसएससी द्वारा रिजल्ट को संशोधित कर के 10 गुना अभ्यर्थियों को मौका दिया जाए।
- इसके साथ ही उनकी यह भी मांग है कि विज्ञापन में यह स्पष्ट होना चाहिए कि प्रारंभिक परिक्षा के लिए किस अनुपात में छात्रों को पास किया जाएगा।