उत्तर प्रदेश में लेखपाल की परिक्षा का आयोजन जल्द ही होने वाला है। यूपी लेखपाल की परिक्षा तिथि भी आयोग द्वारा जारी कर दी गयी है। यहाँ पर हम आपके लिए यूपी लेखपाल परिक्षा के लिए कुछ अति-महत्वपूर्ण प्रश्न लेकर आये हैं। ये सभी UP Lekhpal Most Important Questions आपकी परिक्षा को दृष्टि में रखते हुए बनाए गये हैं।
यूपी लेखपाल प्रैक्टिस सेट-1
1. शेरशाह के काल में स्थानीय शासन को कितने भागों में वर्गीकृत किया गया था ?
- 1
- 3
- 2
- 5
उत्तर : 2
शेरशाह के काल में स्थानीय शासन को तीनों में वर्गीकृत किया गया था-
- सूबा या इक्ता
- सरकार
प्रत्येक इक्ता या सूबा अनेक सरकारों में विभाजित होता था। जिसमें शिकदर – ए शिकदरान तथा मुन्सिफ ए मुन्सिफान दो अधिकारी होते थें।
- प्रत्येक सरकार अनेक परगनों में बटा होता था जिसमें एक शिकदर, एक मुन्सिफ, एक फोतदार तथा दो कारकून होते थे।
- गाँव की व्यवस्था शेरशाह के शासनकाल में पूर्व की भाँति ही रही।
2. ब्रिटिश शासनकाल में किसे ‘स्थानीय स्वशासन का जन्मदाता’ कहा जाता है?
- लार्ड रिपन
- वारेन हेस्टिंग्स
- चार्ल्स मैटकॉफ
- लार्ड वेलेजली
उत्तर : लार्ड रिपन
लार्ड रिपन (1880 से 1884 ई0) को ‘स्थानीय स्वाशासन का जन्मदाता’ कहा जाता है। इसने वर्ष 1882 में स्थानीय
स्वशासन की शुरूआत की। इसके अंतर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में स्थानीय बोर्ड बनाये गये।
3. “ग्रामणी का पद कभी वंशानुगत तो कभी नामित तथा कभी निर्वाचित रहा होगा।”- किसका कथन है ?
- मैक्डोनाल्ड
- रेटजेल
- बर्गल
- कोहन
उत्तर : मैक्डोनाल्ड
प्रो. मैक्डोनाल्ड के अनुसार, “ग्रामणी का पद कभी वंशानुगत तो कभी नामित तथा कभी निर्वाचित रहा होगा।”
4. “भारत गाँवों में बसता है” यह कथन किसने कहा था?
- महात्मा गाँधी
- मदन मोहन मालवीय
- पं. जवाहरलाल नेहरु
- श्यामा प्रसाद मुखर्जी
उत्तर : महात्मा गाँधी
महात्मा गाँधी ने कहा था कि, ‘भारत गाँवों में बसता है। ग्रामीण जन भारतीय समाज का केन्द्र होने के साथ ही वास्तविक भारत के परिचायक भी हैं।
5. स्वतंत्रता पूर्व सेवा ग्राम योजना किस वर्ष शुरू की गई?
- 1932
- 1933
- 1935
- 1936
उत्तर : 1936
स्वतंत्रता पूर्व सेवा ग्राम योजना वर्ष 1936 में महात्मा गाँधी द्वारा प्रारम्भ की गयी थी। सेवाग्राम आश्रम महाराष्ट्र राज्य के वर्धा जिले में सेवाग्राम नामक गाँव में है।
- सेवाग्राम आश्रम भारत में गाँधी जी द्वारा स्थापित दूसरा आश्रम है।
- इससे पूर्व गाँधी जी ने साबरमती आश्रम की स्थापना की थी।
- ये आश्रम गाँधी जी के रचनात्मक कार्यक्रमों एवं उनके राजनीतिक आंदोलन आदि के संचालन के केन्द्र थे।
6. ऋग्वैदिक काल में ‘ग्राम’ का प्रमुख कौन होता था?
- विशपति
- ग्रामणी
- कुलप
- जनपति
उत्तर : कुलप
ऋग्वैदिक काल में राज्य का मूल आधार ‘कुल’ ( परिवार) था। परिवार का मुखिया ‘कुलप’ अथवा ‘गृहपति’ कहलाता था।
- कई कुलों को मिलाकर ‘ग्राम’ का निर्माण होता था जिसका प्रमुख ‘ग्रामणी’ होता था।
- अनेक ग्राम मिलकर ‘विश’ बनाते थे जिसका प्रधान ‘विशपति’ होता था।
- ‘विशों’ के समूह से ‘जन’ बनाता था जिसके अधिपति को जनपति या राजा कहा जाता है।
7. संगम काल में नगरीय और ग्रामीण प्रशासन का प्रमुख कौन होता था?
- महत्तर
- गौल्मिक
- ग्रामणी
- मन्रम
उत्तर : मन्रम
संगम काल में नगरीय और ग्रामीण प्रशासन का प्रमुख ‘मन्रम’ होता था।
8. भारत के संविधान में स्थानीय सरकार का विषय किस अनुसूची में रखा गया?
- छठवीं
- सातवीं
- आठवीं
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर : सातवीं
भारत के संविधान में ‘स्थानीय सरकार सातवीं अनुसूची की दूसरी सूची (राज्य सूची) में रखा गया है।
अनुच्छेद 40 के क्रियान्वयन के संदर्भ में अनुच्छेद 246(3) में देश के किसी भी राज्य विधानमंडल को यह अधिकार दिया गया है, कि वे स्थानीय शासन से सम्बद्ध व्यवस्थाओं के लिए कानून बनायें ।
9. चोल काल के ग्रामीण प्रशासन में सामान्य लोगों की संस्था कौन-सी थी?
- अग्रहार
- तनियूर
- वारियम
- उर
उत्तर : उर
चोल काल के ग्रामीण प्रशासन में सामान्य लोगों की संस्था ‘उर’ थी। उर की बैठक में सभी ग्रामवासी भाग लेते थे।
- उर का मुख्य कार्य सार्वजनिक कल्याण के लिए तालाबों और बागीचों के निर्माण हेतु गाँव की भूमि का अधिग्रहण करना था।
- ‘सभा’ अग्रहारों और ब्राह्मण बस्तियों की सभा थी जिसके सदस्यों को पेरुमक्कल कहते थे।
- ‘सभा’ अपनी समितियों के माध्यम से कार्य करती थी, जिसे ‘वारियम’ कहा जाता था।
10. मौर्यकाल में गाँवों में हदबंदी, भूमि एवं मकान का पंजीयन कर की छूट एवं जनगणना का कार्य कौन करता था?
- प्रदेष्टा
- स्थानिक
- गोप
- ग्रामणी
उत्तर : गोप
‘गोप’ गाँव में हदबंदी, भूमि एवं मकान का पंजीयन, कर की छूट एवं जनगणना का कार्य भी करता था। ग्राम का अध्यक्ष ‘ग्रामणी’ होता था, जिसे ग्राम की भूमि प्रबंध एवं सिंचाई के साधनों की व्यवस्था करने का अधिकार था।